Shodashi - An Overview
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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या
The Navratri Puja, As an example, will involve setting up a sacred Room and executing rituals that honor the divine feminine, that has a center on meticulousness and devotion that is definitely believed to bring blessings and prosperity.
The Mahavidya Shodashi Mantra aids in meditation, enhancing interior quiet and aim. Chanting this mantra fosters a deep perception of tranquility, enabling devotees to enter a meditative point out and hook up with their inner selves. This gain improves spiritual awareness and mindfulness.
Worshippers of Shodashi request not only materials prosperity but additionally spiritual liberation. Her grace is said to bestow the two worldly pleasures along with the suggests to transcend them.
During the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered as a pivotal deity in guiding devotees toward Moksha, the ultimate liberation in the cycle of delivery and death.
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।
लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः
कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा click here भावयामि ॥७॥
भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।